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पता नहीं कब से मंटो साहब की कोई किताब पढ़ना चाहते थे।
हर कहानी पढ़ने के बाद काम से कम एक मिनट रुकना पड़ता है, कहानी सार समझने के लिए, और थोड़ी देर मुस्कुराने के लिए, या उदास होने लिए।
हर कहानी किसी इंसान बारे में है, जिसे या तो सच्चाई दिखती नहीं या जिसे दुनिया ने ठग लिया है, किसी को प्यार मिल गया है, किसी का छिन गया है। ना जाने कितने रंग है इनकी कहानियों में। समाज का आइना है ये कहानियां। बहुत ही यथार्थवादी - Realistic।